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491साल के बाद राम मंदिर निर्माण का सुप्रीम फैसला

कार्तिक माह की 23गते संवत 2076 दिन शनिवार 9नवम्बर2019 को भारत की सर्वोच्च अदालत ने 10बजकर30मिनट पर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का फैसला 5 जजों ने एक मत होकर दिया 1528 मे विवाद शुरू हुआ था दुनिया भारतीय न्याय व्यवस्था की नतमस्तक हुई।  सम्पादक-शीशपाल सिंह रावत।

आपसी सहमति से बढ़कर कुछ नहीं

दुनिया में आपसी सहमति से बढ़कर  कुछ नहीं के सूत्र को लागू करके देखे तो दुनिया में विवाद नाम का चिन्ह नजर नहीं आयेगा । आपसी सहमति से दुनिया का लोकतंत्र बदल जायेगा सरकार उस तरह काम करने लगेगी जिस तरह जनता चाहती है और जनता के खजाने से पगार लेने वाले उस नियम से काम करेंगे जिस तरह उनके लिए विधी निर्धारित है । गांव की सरकार उस तरह काम करे जिस तरह संसद और विधानसभा चलती है तो गांव में लोकतंत्र दिखेगा।आपसी सहमति का दुरूपयोग नहीं होना चाहिए। सम्पादक-शीशपाल सिंह रावत।

एन सी सी अकादमी खासपटी में खुले

         भारत की 5 वी एन सी सी अकादमी  का  शिलान्यास  उतराखण्ड के  टिहरी गढ़वाल  जिले  के देवप्रयाग  ब्लाक  के गांव  सिरकोट रौढधार  मे  उतराखण्ड की पूर्ववर्ती सरकार ने  दिसम्बर 2016मे किया  खासपटी  की जनता  बड़ी  खुश हुई  और जून 2019 मै उतराखण्ड  की  वर्तमान सरकार  ने  एन सी सी  अकादमी  पौड़ी गढ़वाल  के  देवार  मे घोषित  करके  वितीय   सहायता  सहित   दे दी जिससे  खासपटी  की जनता   नाराज हो  गयी ।जूलाई 10तारीख 2019से एन सी सी अकादमी वापस  लाओ  क्रमिक  अनशन  आदि  कार्यक्रम  ब्लाक  मुख्यालय  हिंडोला खाल मे गतिमान  है ।समुचित सरकार  इस मामले में  क्या  निर्णय  लेती है  यह2022की राजनीति  का पथ संचालन   भी तय करेगी  ।सम्पादक शीशपाल सिंह रावत ।

गांव का लोकतंत्र बनाये मजबूत

उतराखण्ड मे त्रिस्तरीय  पंचायत चुनाव होने  जा रहे के लिए  बूथ लेबल  अधिकारी  आँगनबाड़ी  का काम करने वाले  घर घर जाकर वोटर लिस्ट बना रहे है । गांव के गांव खाली है लेकिन जब अपने   गांव  की  सरकार  बनानी  हो तो वे लोग  भी  वोट देने  आ  जाते जो  गांव  के मूल  निवासी  तो  है  लेकिन  गांव  मे नियमित रहते  ही नहीं  और  गांव  की ऐसी  सरकार  बना  देते  कि लोकतंत्र  का  रिमोट कंट्रोल  नौकरशाही  के हाथों  मे 5साल  तक विकास  की  थाह  लेता  रहता  की अनंत  प्रकिया  चलती-फिरती रहतीं और लोकतंत्र  उस तरंह  नही  दीखता जिस तरह व्यवस्था है के  लिए  लोकतंत्र  को जिन्दा  रखना है तो हर गांव  मे  अपनी सरकार  बनाने  के  लिए  उस गांव के जो मूलनिवासी है  गांव  मे नियमित रहे से ही वोटर सूची बने और आधार  नम्बर  लिंक  हो जिससे  गांव  पलायन  से खाली  नहीं  हो गांव  में  नियमित  रहने  वाले लोग ही गांव की सरकार बना कर लोकतंत्र  जिन्दा रख कर गांव  मे ही  नियमित  कार्यालय  खुलवाये उस भवन पर जिस पर अब तक जनता का पैसा खर्च  हो चुका  की पहल जरूरी  यह तभी  सम्भव जब आ लौट चले गांव  को गांव   मे लोकतंत्र  को मजबूत बनाने ।सम्

मतदाता पर्ची का मालिक मतदाता है।

इस बक्त 2019 में  17 वी लोकसभा के  जो चुनाव हो रहे हैं  उसमें  वोट देते  बक्त  बगल में जो मशीन  रखी है  उससे  एक  पर्ची निकल  रही  और  वह उसी मशीन के अन्दर जमा  हो  रही  वोट देने वाले  को  पुष्टि  दिखा  रही तथ्य है ।वोट देने  वाला ही इस पर्ची  का असली हकदार  हैं यह पर्ची उसे  ही मिलनी चाहिए  जिससे  वह  मतदाता  5 साल  तक उस नेता को  उस पर्ची  का अहसास  दिलाता  रहे  कि मैंने  तुम्हे  अपना  नेता चुना  व्यापक लोकहित  जिससे व्यापक  जनहित  सधे  का काम करो।इस पर्ची  पर भारत में चुनाव लड़ रहे दल वोटर पर्ची  को वोटिंग मशीन  पर दबे  बटनों  के कुल योग से मिलान  50 फीसदी  पर्ची से  मांग करना कानून हक नहीं  है  कारण  वोट  मतदाता  की  परिसम्पत्ति  है  किसी राजनीतिक दल की  नहीं ।संसद  कानून  बनाये  व्यवस्था  परिपालन करे  चुनाव  लोकतंत्र  की रीढ है भारत भ्रष्टाचार मुक्त  दिखने  लग जायेगा ।सम्पादक-शीशपाल सिंह रावत ।

जन-मन के मुददे जरुरी

भारत में चुनाव हो रहे हैं लेकिन  जन मन के मुददे उस तरंह नहीं जिस तरह जनता की अपेक्षा थी ।लोकतंत्र में विपक्ष को जिस तरह सत्ता सुख भोग चुके दल से सत्ता हथियाने के लिए जनमानस के बीच लोकतंत्र का सुरक्षित पथ संचालन करना चाहिए था वह नहीं । विपक्ष  लोकतंत्र की आवाज़ है  लोकतंत्र  में विपक्ष जरुरी  बिना विपक्ष का लोकतंत्र ठीक नहीं ।लोकतंत्र की रीढ़ चुनाव है  एक ऐसा चुनाव जिसमें  सभी अपना मत अपने मन पसंद  नेता को देते हैं जिसका नाम मतदाता सूची में दर्ज है जरुरी हैं अपना मत देना और वह नेता अपने जन-मन के मन मुताबिक जन-मन का शासन व प्रशासन  मुमकिन दिखाता है।भारत में चुनाव हो रहे हैं और विपक्ष जन-मन के मुददे जन-मन के मुताबिक नहीं उठा रहे जबकि जन-मन के मुददे जरुरी जिसमें जन-मन की आवाज़ दिखे ।सम्पादक-शीशपाल सिंह रावत 

होली रंगो का त्योहार है

जिस तरह से होली  के दिन सभी रंग मिल कर एक होते उसी तरह सभी लोगों को भी एक रहना  चाहिए ।सबके सुख के लिये सभी मिल बैठकर योगदान दे तो होली की सार्थकता होली है दुनिया को दिखेगी इसलिए कि दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं जंहा अपने अपने तरीके से रंग और पानी  का त्योहार न मनता हो।आऔ रंगो का त्योहार होली है एक नई दुनिया एक नये भारत से आरम्भ करें ।                 सम्पादक _शीशपाल सिंह रावत