जन-मन के मुददे जरुरी
भारत में चुनाव हो रहे हैं लेकिन जन मन के मुददे उस तरंह नहीं जिस तरह जनता की अपेक्षा थी ।लोकतंत्र में विपक्ष को जिस तरह सत्ता सुख भोग चुके दल से सत्ता हथियाने के लिए जनमानस के बीच लोकतंत्र का सुरक्षित पथ संचालन करना चाहिए था वह नहीं । विपक्ष लोकतंत्र की आवाज़ है लोकतंत्र में विपक्ष जरुरी बिना विपक्ष का लोकतंत्र ठीक नहीं ।लोकतंत्र की रीढ़ चुनाव है एक ऐसा चुनाव जिसमें सभी अपना मत अपने मन पसंद नेता को देते हैं जिसका नाम मतदाता सूची में दर्ज है जरुरी हैं अपना मत देना और वह नेता अपने जन-मन के मन मुताबिक जन-मन का शासन व प्रशासन मुमकिन दिखाता है।भारत में चुनाव हो रहे हैं और विपक्ष जन-मन के मुददे जन-मन के मुताबिक नहीं उठा रहे जबकि जन-मन के मुददे जरुरी जिसमें जन-मन की आवाज़ दिखे ।सम्पादक-शीशपाल सिंह रावत
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