पलायन से खाली होते पहाड़ के गांव
राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर पहाड़ के लिए एक गम्भीर सवाल पलायन से खाली होते पहाड़ के गांव आज चिंतन मनन का विषय बन चुका समुचित सरकार और समुचित व्यवस्था अब उन खाली होते गांव के लिए सड़क, बिजली, पानी और स्वास्थ्य की प्राथमिक सुविधाओं पर जनता का पैसा खर्च कर रही स्वयं में सवाल है । जब गांव के लिए सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरत थी और गांव में लोग रहते थे तब न सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य की प्राथमिक सुविधा सुलभ हुई अब न उतने लोग गांव में हैं जितने परिवार रजिस्टर और मतदाता सूची में नाम दर्ज है पर पहाड़ के गांव अब सुरक्षित नहीं । समुचित व्यवस्था और समुचित सरकार प्रत्येक गांव को गांव से जोड़ने वाली सड़क , बिजली, पानी, स्वास्थ्य की प्राथमिक सुविधाओं पर निगरानी तंत्र बनाये ताकि पलायन से खाली होते पहाड़ के गांव और उन गांवों में ऐन केन प्रकारेण स्वयं के संसाधनों से अपनी आजीविका का निर्वहन करते लोग सुरक्षित, संरक्षित रहे ताकि एक संस्कृति जिवित दिखे जिससे आ लौट चले गांव को गांव सजाने संवारने सुरक्षित संरक्षित रखने में वे लोग भी ...