मतदाता पर्ची का मालिक मतदाता है।
इस बक्त 2019 में 17 वी लोकसभा के जो चुनाव हो रहे हैं उसमें वोट देते बक्त बगल में जो मशीन रखी है उससे एक पर्ची निकल रही और वह उसी मशीन के अन्दर जमा हो रही वोट देने वाले को पुष्टि दिखा रही तथ्य है ।वोट देने वाला ही इस पर्ची का असली हकदार हैं यह पर्ची उसे ही मिलनी चाहिए जिससे वह मतदाता 5 साल तक उस नेता को उस पर्ची का अहसास दिलाता रहे कि मैंने तुम्हे अपना नेता चुना व्यापक लोकहित जिससे व्यापक जनहित सधे का काम करो।इस पर्ची पर भारत में चुनाव लड़ रहे दल वोटर पर्ची को वोटिंग मशीन पर दबे बटनों के कुल योग से मिलान 50 फीसदी पर्ची से मांग करना कानून हक नहीं है कारण वोट मतदाता की परिसम्पत्ति है किसी राजनीतिक दल की नहीं ।संसद कानून बनाये व्यवस्था परिपालन करे चुनाव लोकतंत्र की रीढ है भारत भ्रष्टाचार मुक्त दिखने लग जायेगा ।सम्पादक-शीशपाल सिंह रावत ।
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