दुनिया में आपसी सहमति से बढ़कर कुछ नहीं के सूत्र को लागू करके देखे तो दुनिया में विवाद नाम का चिन्ह नजर नहीं आयेगा । आपसी सहमति से दुनिया का लोकतंत्र बदल जायेगा सरकार उस तरह काम करने लगेगी जिस तरह जनता चाहती है और जनता के खजाने से पगार लेने वाले उस नियम से काम करेंगे जिस तरह उनके लिए विधी निर्धारित है । गांव की सरकार उस तरह काम करे जिस तरह संसद और विधानसभा चलती है तो गांव में लोकतंत्र दिखेगा।आपसी सहमति का दुरूपयोग नहीं होना चाहिए। सम्पादक-शीशपाल सिंह रावत।
नदी घाटी और पहाड़ समाचार पत्र मे आपका स्वागत । देखे पढ़े लिखे जन गण मन की आवाज। सूचना एक संवेदनशील तथ्य ।आपके आसपास के शब्दो की खबर -सम्पादक -शीशपाल सिंह रावत। जरोला-जामणीखाल टिहरीगढवाल उतराखंड भारत 249122
गुरुवार, 5 सितंबर 2019
शनिवार, 27 जुलाई 2019
एन सी सी अकादमी खासपटी में खुले
भारत की 5 वी एन सी सी अकादमी का शिलान्यास उतराखण्ड के टिहरी गढ़वाल जिले के देवप्रयाग ब्लाक के गांव सिरकोट रौढधार मे उतराखण्ड की पूर्ववर्ती सरकार ने दिसम्बर 2016मे किया खासपटी की जनता बड़ी खुश हुई और जून 2019 मै उतराखण्ड की वर्तमान सरकार ने एन सी सी अकादमी पौड़ी गढ़वाल के देवार मे घोषित करके वितीय सहायता सहित दे दी जिससे खासपटी की जनता नाराज हो गयी ।जूलाई 10तारीख 2019से एन सी सी अकादमी वापस लाओ क्रमिक अनशन आदि कार्यक्रम ब्लाक मुख्यालय हिंडोला खाल मे गतिमान है ।समुचित सरकार इस मामले में क्या निर्णय लेती है यह2022की राजनीति का पथ संचालन भी तय करेगी ।सम्पादक शीशपाल सिंह रावत ।
रविवार, 12 मई 2019
गांव का लोकतंत्र बनाये मजबूत
उतराखण्ड मे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने जा रहे के लिए बूथ लेबल अधिकारी आँगनबाड़ी का काम करने वाले घर घर जाकर वोटर लिस्ट बना रहे है । गांव के गांव खाली है लेकिन जब अपने गांव की सरकार बनानी हो तो वे लोग भी वोट देने आ जाते जो गांव के मूल निवासी तो है लेकिन गांव मे नियमित रहते ही नहीं और गांव की ऐसी सरकार बना देते कि लोकतंत्र का रिमोट कंट्रोल नौकरशाही के हाथों मे 5साल तक विकास की थाह लेता रहता की अनंत प्रकिया चलती-फिरती रहतीं और लोकतंत्र उस तरंह नही दीखता जिस तरह व्यवस्था है के लिए लोकतंत्र को जिन्दा रखना है तो हर गांव मे अपनी सरकार बनाने के लिए उस गांव के जो मूलनिवासी है गांव मे नियमित रहे से ही वोटर सूची बने और आधार नम्बर लिंक हो जिससे गांव पलायन से खाली नहीं हो गांव में नियमित रहने वाले लोग ही गांव की सरकार बना कर लोकतंत्र जिन्दा रख कर गांव मे ही नियमित कार्यालय खुलवाये उस भवन पर जिस पर अब तक जनता का पैसा खर्च हो चुका की पहल जरूरी यह तभी सम्भव जब आ लौट चले गांव को गांव मे लोकतंत्र को मजबूत बनाने ।सम्पादक-शीशपाल सिंह रावत ।
मंगलवार, 23 अप्रैल 2019
मतदाता पर्ची का मालिक मतदाता है।
इस बक्त 2019 में 17 वी लोकसभा के जो चुनाव हो रहे हैं उसमें वोट देते बक्त बगल में जो मशीन रखी है उससे एक पर्ची निकल रही और वह उसी मशीन के अन्दर जमा हो रही वोट देने वाले को पुष्टि दिखा रही तथ्य है ।वोट देने वाला ही इस पर्ची का असली हकदार हैं यह पर्ची उसे ही मिलनी चाहिए जिससे वह मतदाता 5 साल तक उस नेता को उस पर्ची का अहसास दिलाता रहे कि मैंने तुम्हे अपना नेता चुना व्यापक लोकहित जिससे व्यापक जनहित सधे का काम करो।इस पर्ची पर भारत में चुनाव लड़ रहे दल वोटर पर्ची को वोटिंग मशीन पर दबे बटनों के कुल योग से मिलान 50 फीसदी पर्ची से मांग करना कानून हक नहीं है कारण वोट मतदाता की परिसम्पत्ति है किसी राजनीतिक दल की नहीं ।संसद कानून बनाये व्यवस्था परिपालन करे चुनाव लोकतंत्र की रीढ है भारत भ्रष्टाचार मुक्त दिखने लग जायेगा ।सम्पादक-शीशपाल सिंह रावत ।
रविवार, 31 मार्च 2019
जन-मन के मुददे जरुरी
भारत में चुनाव हो रहे हैं लेकिन जन मन के मुददे उस तरंह नहीं जिस तरह जनता की अपेक्षा थी ।लोकतंत्र में विपक्ष को जिस तरह सत्ता सुख भोग चुके दल से सत्ता हथियाने के लिए जनमानस के बीच लोकतंत्र का सुरक्षित पथ संचालन करना चाहिए था वह नहीं । विपक्ष लोकतंत्र की आवाज़ है लोकतंत्र में विपक्ष जरुरी बिना विपक्ष का लोकतंत्र ठीक नहीं ।लोकतंत्र की रीढ़ चुनाव है एक ऐसा चुनाव जिसमें सभी अपना मत अपने मन पसंद नेता को देते हैं जिसका नाम मतदाता सूची में दर्ज है जरुरी हैं अपना मत देना और वह नेता अपने जन-मन के मन मुताबिक जन-मन का शासन व प्रशासन मुमकिन दिखाता है।भारत में चुनाव हो रहे हैं और विपक्ष जन-मन के मुददे जन-मन के मुताबिक नहीं उठा रहे जबकि जन-मन के मुददे जरुरी जिसमें जन-मन की आवाज़ दिखे ।सम्पादक-शीशपाल सिंह रावत
शुक्रवार, 22 मार्च 2019
होली रंगो का त्योहार है
जिस तरह से होली के दिन सभी रंग मिल कर एक होते उसी तरह सभी लोगों को भी एक रहना चाहिए ।सबके सुख के लिये सभी मिल बैठकर योगदान दे तो होली की सार्थकता होली है दुनिया को दिखेगी इसलिए कि दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं जंहा अपने अपने तरीके से रंग और पानी का त्योहार न मनता हो।आऔ रंगो का त्योहार होली है एक नई दुनिया एक नये भारत से आरम्भ करें । सम्पादक _शीशपाल सिंह रावत
शनिवार, 9 मार्च 2019
पलायन एक गंभीर सवाल
उतराखण्ड के गावों में पलायन एक गंभीर सवाल बन चुका यह मनन करना आने वाले दिनों के भीतर हर उत्तराखण्डी के लिये अपने आप भी एक गंभीर सवाल बार-बार मन को झकझोर करता रहेगा ।शीशपाल सिंह रावत
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25 वां राज्य स्थापना दिवस
9नवम्बर 2000 को उतराखण्ड राज्य की स्थापना उतरांचल नाम से हुई कुछ समय बाद उतराखण्ड नाम दिया गया आज 25 वां राज्य स्थापना दिवस आरम्भ।
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