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टिहरी प्रेस क्लब के चुनाव सम्पन्न

  टिहरी प्रेस क्लब के चुनाव आज टिहरी प्रेस क्लब में निर्विरोध संपन्न हुए जिसमें अध्यक्ष पद पर शशि भूषण भट्ट महासचिव पर गोविंद पुंडीर कोषअध्यक्ष पद पर धनपाल गुनसोला उपाध्यक्ष पद पर आनंद नेगी सहसचिव पद पर बलवंत रावत निर्विरोध निर्वाचित हुए चुनाव अधिकारी सुरेंद्र सिंह कंडारी की देखरेख में चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए इस चुनौतीपूर्ण माहौल में पत्रकारों ने एकजुट होकर नए नेतृत्व का चयन किया , जिससे टिहरी प्रेस क्लब के भविष्य को सशक्त बनाने का मार्ग प्रस्तुत किया गया है। नए अध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष, उपाध्यक्ष, और सहसचिव को उनके महत्वपूर्ण भूमिकाओं के लिए सभी पत्रकारों ने निर्वाचित पदाधिकारी को बधाई दी।

आर्थिक तंगी से बेहाल एक पत्रकार

 देहरादून के एक पत्रकार का आर्थिक तंगी के कारण अपना इलाज ना कर पाने का मामला सामने आया है देहरादून के इन पत्रकार की दोनों किडनी फेल हो चुकी हैं और वह अन्य बीमारियां से भी ग्रसित हैं ।  ऐसे में आर्थिक तंगी का होना उनकी बीमारी के इलाज में बाधा डाल रहा है और सही तरीके से उनका इलाज नहीं हो पा रहा है।उत्तराखण्ड के मीडियाकर्मियों की प्रमुख राज्यस्तरीय पंजीकृत संस्था नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखण्ड) के एक प्रतिनिधि मंडल ने किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे वीडियो जर्नलिस्ट्स रामपाल सिंह के घर जाकर उनके उपचार हेतु आर्थिक सहायता संबंधी प्रपत्र तैयार करवाने के बाद मुख्यमंत्री और और सूचना विभाग को प्रेषित किये हैं।पत्रकार कल्याण कोष के पूर्व सदस्य एवं यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चन्द्र भट्ट को जैसे ही वीडियो जर्नलिस्ट्स रामपाल सिंह की दोनों किडनी खराब होने की जानकारी मिली उन्होंने रात में ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी को ईमेल द्वारा मामले की सूचना देकर बीमार पत्रकार को उपचार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया महानिदेशक सूचना

पंक्ति में रसोई परोसना

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 सनातन संस्कृति का नियम पंक्ति में रसोई परोसना सरोला का काम है और यह संस्कृति युगों से चली आ रही। गाँव की शादी में सरोला चंद्र किशोर सेमल्टी ने इस सम्पादक को पंक्ति में रसोई परोसी सनातन संस्कृति की जीवितता तस्वीर तथ्य प्रस्तुत। 

आज भी 5 किलोमीटर पैदल पथ घंडय्याल देबता मंदिर

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 गजा बाजार से गोतांचली नामक स्थान तक घंडय्याल देबता के मंदिर को जाने के लिए छोटी गाड़ी के लिए सड़क उतरप्रदेश  सरकार से थी उतराखंड बनने पर सड़क आगे नहीं बन पाई  पर आज भी गोतांचली नामक तपड़ से श्री  घंडय्याल  देबता के मंदिर तक जाने के लिए आदिम युग की तरह 5 किलोमीटर खड़ी पड़ी आड़ी तिरछी चढ़ाई चढ़ कर मंदिर  तक पहुंचना उतराखंड राज्य बनने का सपना तो दिखा जबकि उतराखंड देवभूमि है। यदि सड़क 1 _2 किलोमीटर   जिला पंचायत टिहरी, जिला  प्रशासन टिहरी,नगर पंचायत गजा अपने संसाधन  पब्लिक फंड या आपदा राहत फंड से आज से 23 साल पहले से 200 मीटर प्रति वर्ष भी  बनानी शुरू करती तो 5600 मीटर सड़क घंडय्याल देबता के थान स्थान याने मुख्य मंदिर तक बन कर पंहुच चुकी होती  जिससे आस्था पैदलयात्रा करके  भी  श्री घंडय्याल देबता के दर्शन सहज सुलभ कर पाती।पैदल यात्रा करते हुए सुस्ताने के लिए जिला पंचायत के द्वारा आस्था के लिए कुछ जगहों पर बैंच तो लगा रखे परंतु पानी की व्यवस्था नहीं यदि साफ सुथरा रास्ता होता दोनों तरफ रेलींग लगी होती तो आस्था व्यवस्था के प्रति कृतघ्न होती। समुचित व्यवस्था और समुचित सरकार से अपेक्षा है श्री

नदी घाटी और पहाड़ समाचारपत्र

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जीवन कथा का नया भवन

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 जामणी खाल बाजार से 500 मीटर दूरी पर जीवन कथा के नये भवन पर छत पड़ने का कार्य गतिमान। 

जल जीवन मिशन की पाईप लाईन

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 ग्रामीण बाजार जामणीखाल में जल जीवन मिशन की पाईप लाईन और 9 मीटर चौड़ी सड़क तथा शौचालय की स्थिति।