संदेश

इगास

उत्तराखंड में इगास के त्योहार के लिए उत्तराखंड की समुचित सरकार ने छुट्टी का शासनादेश जारी किया ताकि सभी लोग अपने स्तर से इगास का त्योहार मना सकें वैसा देखा जाय इगास  सूर्य के ध्वज वाहक का प्रतिक भी है कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी को सतयुग का जन्म हुआ और एकादशी के दिन प्रकाश पुंज याने भैलो बनाकर लोग सूर्य के ध्वज को  खेल खेल में नमन करते।

टनल पार्किंग बने

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 ग्रामीण बाजार जामणीखाल सिद्धपीठ चंद्रवदनी मंदिर का देवप्रयाग टिहरी मोटर मार्ग से प्रवेश द्वार है जंहा पर १००के लगभग दुकानदार अपनी आजिविका का निर्वहन करते हैं परन्तु उनकी दुकानों के आगे वाहन खड़े रहते है जिससे ग्राहक खसकने में भलाई समझते हैं  जबकि बाजार में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं व्यवस्था मौन इस समस्या का समाधान है टनल पार्किंग बने।टनल पार्किंग बनाने के लिए इस सम्पादक ने तस्वीर प्रस्तुत की  समुचित सरकार और समुचित व्यवस्था तस्वीर वाली जगह का मौका मुआयना कर जन मन की आवाज़ जिससे व्यापक लोकहित सधे से कृतार्थ करें।

बग्वाल

 बग्वाल उत्तराखंड में तीन होती है रज बग्वाल,बग्वाल,इगास।रज बग्वाल राज परिवार से सम्बन्ध,बग्वाल आम आदमी से सम्बन्ध,इगास राज परिवार और आम आदमी से सम्बन्ध।अब समय बदल गया है अब पकवान, पटाखा और प्रकाश पुंज याने भैलो की जगह रेडीमेड मिठाई, फुलझड़ी और इलेक्ट्रॉनिक लड़ीयों ने ले ली। जरूरत है परम्परा और संस्कृति के अनुकूल बग्वाल का त्योहार मनाने की आ लौट चले गांव को दिपावली की हार्दिक शुभकामनाएं। शीशपाल सिंह रावत। सम्पादक_नदी घाटी और पहाड़ समाचार पत्र।

जामणीखाल में सैनिक विश्राम गृह

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  जामणीखाल में एक सैनिक विश्राम गृह है जिसे उत्तराखंड सरकार में राजस्व मंत्री रहे दिवाकर भट्ट ने जन मन की आवाज़ पर समुचित सरकार व व्यवस्था से बनवाया आज आवाजाही गतिमान है इसके आगे की तरफ चोटी नीले आसमान के नीचे दिख रही १०किमी दूरी चंद्रवदनी मंदिर है और इधर की तरफ १किमी दूरी पर  भोगवती नदी के किनारे नागेश्वर महादेव हैं । समुचित सरकार और समुचित व्यवस्था धार्मिक पर्यटन को बढावा दे सके तो गांव की जवानी गांव की कहानी को सजाने संवारने में भूमिका निभा सकते हैं तथा उत्तराखंड राज्य  जिस उद्देश्य के लिए मांगा गया आ लौट चले गांव को कृतार्थ कर सकते हैं।

चन्द्रेश्वर महादेव से चंद्रवदनी

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 पत्रकारिता पैदल पथ पर चलने से इस सम्पादक ने पैण्डुला गांव से खासपटटी की इष्ट देवी चंद्रवदनी का प्राकृतिक सौंदर्य देखा तस्बीर ली।इस चन्द्रकूट पर्वत से चंद्रभागा नदी निकलती है जो भाषो में भागीरथी नदी में मिलती है के किनारे पुनाणू गांव के पास चन्द्रेश्वर महादेव का मंदिर है जिसकी सीध परचंद्रवदनी मंदिर है जहां शिव शक्ति मय हुए और अपने कैलाश पर्वत पर आसीन हुए।

मुफ्त अनाज

 मुफ्त अनाज की योजना कब तक चलेगी यह हमारे नीति नियंताओं के उपर निर्भर है  जबकि कोरोनावायरस का इतना भय नहीं फिर भी वायरस है जो अलग अलग गुण रंग रूप से अपना प्रभाव बनाए हुए है तथा बढ़ती मंहगाई व् रुपए की कमजोरी ने केन्द्र सरकार को मुफ्त अनाज  योजना चलाये रखने के लिए विचार किया और यह अभी गतिमान है।

विजयादशमी

 विजयादशमी का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत की खुशी। मनुष्यता का जीवन सभी नहीं जी सकते और हर कोई मनुष्यता का जीवन नहीं जी सकता। मनुष्यता का जीवन जीने के लिए विजयादशमी हासिल करनी पड़ती है।