सोमवार, 6 नवंबर 2023

टिहरी की सिंगोरी

 पुरानी टिहरी  के सुमन चौक पर मिठाई की एक दुकान में मालू के पात पर सिंगोरी नाम की मिठाई बिकती थी 2005 से पहले की मिठाई है टिहरी डूबने जो 2 या 3 रूपये की एक सिंगोरी उस समय मिलती थी आज इस सम्पादक की नजर नई टिहरी के बौराड़ी चौक के किनारे एक हलवाई की दुकान पर सिंगोरी पर नजर पड़ी जो पुरानी टिहरी की याद ताजा करके खबर बनी सिंगोरी आज 25 रूपये के आसपास मालू के पते पर लपेटी हुई जिसका बजन 54 ग्राम   दुकानदार ने तोला तस्वीर तथ्य। 


मंगलवार, 31 अक्तूबर 2023

सूचना विभाग में 42 साल

 सूचना  विभाग टिहरी गढ़वाल में 42 साल की सेवा समापन करने के बाद आज सुरेन्द्र प्रसाद नौटियाल सेवा निवृत्त हुए इस अवसर पर सूचना विभाग  के अधिकारियों एवं कार्मिकों तथा पत्रकार वन्धुओ ने विदाई दी। 


सोमवार, 30 अक्तूबर 2023

सड़क किनारे खाली बोतलो का ढेर

 ग्रामीण बाजार जामणीखाल में सड़क किनारे शराब और बीयर के खाली बोतलें और पाउचो का ढेर नशा मुक्त भारत के गांवों की व्यथा आज का बचपन कल देश का भविष्य किस तरह सुरक्षित, संरक्षित, संग्रहित है समाचार प्रकाशित होने पर पर्यावरण मित्र या कोई और इस कचरे के ढेर को उठा लेगे परंतु गम्भीर सवाल नशा मुक्त उतराखंड। 


रविवार, 29 अक्तूबर 2023

टिहरी प्रेस क्लब के चुनाव सम्पन्न

 

टिहरी प्रेस क्लब के चुनाव आज टिहरी प्रेस क्लब में निर्विरोध संपन्न हुए जिसमें अध्यक्ष पद पर शशि भूषण भट्ट महासचिव पर गोविंद पुंडीर कोषअध्यक्ष पद पर धनपाल गुनसोला उपाध्यक्ष पद पर आनंद नेगी सहसचिव पद पर बलवंत रावत निर्विरोध निर्वाचित हुए चुनाव अधिकारी सुरेंद्र सिंह कंडारी की देखरेख में चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए

इस चुनौतीपूर्ण माहौल में पत्रकारों ने एकजुट होकर नए नेतृत्व का चयन किया , जिससे टिहरी प्रेस क्लब के भविष्य को सशक्त बनाने का मार्ग प्रस्तुत किया गया है। नए अध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष, उपाध्यक्ष, और सहसचिव को उनके महत्वपूर्ण भूमिकाओं के लिए सभी पत्रकारों ने निर्वाचित पदाधिकारी को बधाई दी।

शनिवार, 28 अक्तूबर 2023

आर्थिक तंगी से बेहाल एक पत्रकार

 देहरादून के एक पत्रकार का आर्थिक तंगी के कारण अपना इलाज ना कर पाने का मामला सामने आया है देहरादून के इन पत्रकार की दोनों किडनी फेल हो चुकी हैं और वह अन्य बीमारियां से भी ग्रसित हैं ।  ऐसे में आर्थिक तंगी का होना उनकी बीमारी के इलाज में बाधा डाल रहा है और सही तरीके से उनका इलाज नहीं हो पा रहा है।उत्तराखण्ड के मीडियाकर्मियों की प्रमुख राज्यस्तरीय पंजीकृत संस्था नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखण्ड) के एक प्रतिनिधि मंडल ने किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे वीडियो जर्नलिस्ट्स रामपाल सिंह के घर जाकर उनके उपचार हेतु आर्थिक सहायता संबंधी प्रपत्र तैयार करवाने के बाद मुख्यमंत्री और और सूचना विभाग को प्रेषित किये हैं।पत्रकार कल्याण कोष के पूर्व सदस्य एवं यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चन्द्र भट्ट को जैसे ही वीडियो जर्नलिस्ट्स रामपाल सिंह की दोनों किडनी खराब होने की जानकारी मिली उन्होंने रात में ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी को ईमेल द्वारा मामले की सूचना देकर बीमार पत्रकार को उपचार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया महानिदेशक सूचना ने भी मामले का तत्काल संज्ञान लिया। जिसके बाद अपर निदेशक आशिष त्रिपाठी द्वारा श्री भट्ट को बीमार पत्रकार के आवेदन संबंधी औरचारिकताएं पूरी कराने और मदद का आश्वासन दिया गया है।श्री भट्ट ने अपने संपर्कों से रायपुर में निवास कर रहे बीमार पत्रकार का फोन नम्बर लेकर रात में ही उनसे वार्ता की। उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एकत्र करने के बाद सुबह होते ही वे पत्रकार नवीन पांडे और हिमांशु के साथ हरिद्वार से रायपुर पहुंचे तो यह भी जानकारी मिली कि रामपाल सिंह को हाइपरटेंशन, ब्रेन में रक्तस्राव, आईबीडी, आतों में घाव और कई अन्य विकार भी हैं। जिस कारण उनका स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा है।त्रिलोक चन्द्र भट्ट एवं नवीन चन्द्र पाण्डेय ने पत्रकार कल्याण कोष ने उनके उपचार हेतु आर्थिक सहायता संबधी पत्रावली तैयार कर बीमार पत्रकार को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।उन्होंने कहा नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखण्ड) संकट की इस घड़ी में उनकी साथ खड़ी है।श्री भट्ट ने बताया कि पत्रकार रामपाल सिंह दो बार कोरोना का शिकार हुये थे जिसके बाद अनेक व्याधियों ने उन्हें जकड़ लिया। उनकी दोनों किडनी फेल होने के साथ कई शारीरिक विकार उत्पन्न हो गये हैं। जिस कारण हफ्ते में तीन बार डाइलेसिस करना पड़ रहा है। लेकिन कमजोर आर्थिकी के कारण उनके सामने अच्छे इलाज की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है।श्री भट्ट ने कहा कि पौड़ी जिले के यमकेश्वर विकासखंड अंतर्गत नौगांव के मूल निवासी रामपाल करीब दस वर्षों से विभिन्न प्रिंट/इलेक्ट्रानिक मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएं देते रहे हैं।उन्होंने नेटवर्क-10, तहलका इंडिया न्यूज, हिमालय न्यूज और पर्वतजन में भी अपनी सेवाएं दी हैं। लेकिन इलाज और दवाइयों के महंगे खर्च के कारण उनको अपना घर तक बेचना पड़ा। घर से बेघर होने के बाद वे किराये के मकान में रहने को मजबूर हुये लेकिन एक समय ऐसा भी आ गया कि उनके पास किराये के भी पैसे नहीं रहे।रामपाल सिंह के तीन बच्चे हैं। बड़ी बेटी आयुषि मूक-बधिर है। वह इंटरमीडियेट कर चुकी है, जबकि पिता की बिमारी के कारण दूसरी बेटी तनिष्का का ग्याहरवीं के बाद स्कूल छूट गया है। बेटा पंकज जैसे-तैसे बारवीं कक्षा में पढ़ रहा है। जबकि पति के बेरोजगार हो जाने के कारण घर चलाने के लिए पत्नी को एक प्राइवेट संस्थान में काम करना पड़ रहा है।नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चन्द्र भट्ट के अनुसार फोटो जर्नलिस्ट्स रामपाल सिंह का जीवन बचाने के लिए उनकी पत्नी ने अपनी एक किडनी डोनेट करने की सहमति दी है। लेकिन उसमें आने वाले महंगे खर्च के कारण अभी तक यह संभव नहीं हो पाया है।नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने कहा है कि जो लोग रामपाल सिंह की आर्थिक मदद करना चाहते हैं वह सीधे उनके निम्न बैंक खाते में भेज सकते हैं।


Account No-39023827265


IFSC Code-SBIN0003058


State Bank of India


Google Pay No.- 8433428099

मंगलवार, 24 अक्तूबर 2023

पंक्ति में रसोई परोसना

 सनातन संस्कृति का नियम पंक्ति में रसोई परोसना सरोला का काम है और यह संस्कृति युगों से चली आ रही। गाँव की शादी में सरोला चंद्र किशोर सेमल्टी ने इस सम्पादक को पंक्ति में रसोई परोसी सनातन संस्कृति की जीवितता तस्वीर तथ्य प्रस्तुत। 


वार गुरु बैसपाणी जामणीखाल सैनिक विश्राम गृह सड़क

 आज इस सड़क पर लोग चर्चा कर रहे थे कि सड़क आगे बढेगी।