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नदी घाटी और पहाड़ प्रिंट मीडिया

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निराश्रित पशु धन का आश्रयस्थल जामणीखाल

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 माँ चंद्र बदनी के चरणों में ग्रामीण बाजार जामणीखाल है इस बाजार में निराश्रित पशु धन का आश्रय स्थल है जिनके लिए पानी की  कोई वयस्था नहीं भोजन के लिए इधर उधर से चर कर आ जाते अपनी  पेट की भूख मिटा लेते लेकिन धूप बरसात आंधी के समय जाये कंहा समुचित सरकार गौधन के लिए  व्यवस्था करें तो मूक पशुओं के प्रति मनुष्यता दिखेगी। 

काफल पाको जेठ

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 उतराखंड के खासपटटी चंद्र कूट पहाड़ के जंगलों में जेठ माह में काफल पकने लग गया परंतु जेठ माह भंयकर अंधड़ बेसमय बारीष ओले के प्रकोप से अतिक्रमण होता जा रहा काफल उस तरह पेड़ पर लकदक नहीं दिख रहा जिस तरह  दिखना चाहिए था जलवायु परिवर्तन के प्रति गम्भीर सवाल  । 

उजाड़ होती सृजित संपत्ति

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  1986-87 में एक शिशु मंदिर की स्थापना जामणीखाल में हुई समुचित सरकार और समुचित व्यवस्था तथा समिति और जनता के चन्दे से संपत्ति सृजित तो हुई  परन्तु  आज इस भवन पर न शिक्षक और न शिक्षा ग्रहण करने वाले, उजाड़ हो चुके इस भवन पर लोगों के द्वारा छोड़े गए निराश्रित पशु थोड़ी देर के लिए ही सही  विश्राम |

कलेउ लेता किसान

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 पहाड़ की संस्कृति अभी भी जिवित है भले ही इस संस्कृति को जिवितता बनाये रखने वाले कुछ गिनती के लोग  क्यों न हो लेकिन है खेत में हल लगाने के बाद कलेउ लेता किसान

निराश्रित पशु धन की शरणस्थली जामणीखाल

 

खासपटटी से उतराखंड राज्य आन्दोलन कारी

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