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सूचना एक संवेदनशील तथ्य ।आपके आसपास के शब्दो की खबर -सम्पादक -शीशपाल
सिंह रावत। जरोला-जामणीखाल टिहरीगढवाल उतराखंड भारत 249122
पंच परमेश्वर होते है इसलिए पंचायत में 5 लोग चुने जाते थे जो बहुमत के आधार पर फैसला सुनाते थे आज भी यही पद्धति है लेकिन पंच परमेश्वर की तरह नहीं ! पंच परमेश्वर का फैसला 3 पंच बहुमत था जिसमें 2पंच और एक सरपंच !
काण्डी बडेड़ा गांव में धौंकल सिंह रावत का सोबन रावत के 3 पुत्र ज्योति मोती और विजय रावत हुए जिसमें ज्योति मोती रावत की 7वी पीढ़ी 8वी पीढ़ी 9 वी पीढी की संतान ने भगवती राज राजेश्वरी और कुल देवता गुरु कैलापीर का नौ दिन की पूजा सम्पन्न की।
गांव खाली हो चुके शहर भीड़ से भर चुके उत्तराखंड की अस्थाई राजधानी सड़क जाम से ग्रस्त रहती यह सब पलायन से।प्रेस के सभी कार्यों को सम्पादित करने के लिए पत्रकारों को देहरादून आना जाना होता है और शहर की मुख्य सड़क जाम दिखती इसके लिए एक ही उपाय है गांव शहर की तरह विकसित किये जाय ताकि उत्तराखंड की राजधानी की सड़के जाम से मुक्त दिखे। सम्पादक।
आदि गुरु शंकराचार्य ने उत्तराखंड के जोशीमठ नामक स्थान में पहला ज्योतिर्मठ स्थापना की से केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन का प्रवेश द्वार भी यही से आरम्भ दुनिया के लिए सनातन संस्कृति वैकुंठ धाम के दर्शन का मार्ग प्रशस्त करवाया आज दुनिया के मीडिया में जोशीमठ आपदा के मुहाने पर खड़ा हो चुका समुचित सरकार और समुचित व्यवस्था के लिए एक गम्भीर सवाल बन गया का त्वरित समाधान जरूरी। सम्पादक।