संदेश

किसान और जवान

  किसान खेती करता है उसके पास आन्दोलन करने के लिए समय नहीं जवान सीमा की रखवाली करता है उसके पास जी हजूरी करने के लिए समय नहीं। भारत में जितनी भी बंजर जमीन है वह खेती करने वाले को भारत के प्रत्येक घर से हर परिवार को दी जाय और उससे उत्पादन को किसान कहीं भी बेचे आजादी दी जाय तो मेरे देश की धरती सोना उगलना शुरू कर देगी ।इसी तरह भारत के प्रत्येक घर से हर परिवार का एक सदस्य पुत्र व पुत्री सेना का जवान बने अनिवार्य हो जाय तो मेरा गांव मेरा देश दिखने लग जायेगा। सम्पादक- नदी घाटी और पहाड़ ।

सूचना एक संवेदनशील तथ्य

 सूचना एक संवेदनशील तथ्य है लेकिन आम आदमी इसे नहीं समझता । समुचित व्यवस्था बिना सूचना के रति भर आगे नहीं बढ़ सकती यह लोकतंत्र का मूल मंत्र है।आम आदमी को सूचना के तथ्यों की अहमियत का ज्ञान जरूरी जिस दिन सूचना आम आदमी तक गाह्य हो जायेगी व्यवस्था लोकतंत्र के अनुकूल दिखेगी। सम्पादक-शीशपाल सिंह रावत।

अपने को बचाकर चल

 अपने को बचाकर चलने में ही भलाई है अपने आप बचोगे तो दुसरा भी अपने को बचाने में ही आपका अनुसरण करेगा।इस महामारी को हल्के में लेना अपने को मौत के मुंह में धकेलना है इसके लिए पहला सूत्र है अपने को बचाकर चल । सम्पादक_शीशपाल सिंह रावत।

नवरात्र

 आध्यात्मिक दुनिया में आदि शक्ति की उपासना नवरात्र में ही सम्पन्न की जा सकती है। सम्पादक_शीशपाल सिंह रावत।

अवसरों की तलाश

कोविड  19  अपनी  रप्तार  से  चल रहा  चुनोतियाँ  अधिक  अवसर कम  है  इसके  लिए  सभी  को  अपने अपने स्तर  से  अपनी आर्थिकी  के विकल्प  तलाशने  होंगे  ताकि  अवसरों को बढ़ाया  जाय  चुनोतियों  कम  हो। आपके  पास  हुनर  है  आप  जहां हो  वही  रहो  वही  से  अपनी आर्थिकी के  अवसर  तलाशो  कोविड  19  जीवन  की तलाश  से वंचित  हो जायेगा।  सम्पादक  शीशपाल  सिंह  रावत। 

एनसीसी के फैसले का सम्मान

न्याय न्याय पंचायत धरूण के मालड़ा नामक स्थान में एनसीसी संघर्ष समिति की एक बैठक18 अगस्त को हुई सभी दलों के लोग शामिल हुए पूर्व सैनिक गब्बर सिंह बंगारी ने माननीय उच्च न्यायालय में अर्जी डाली थी के फैसले का सम्मान किया गया माननीय उच्च न्यायालय का आभार व्यक्त किया गया। शूरवीर सिंह सजवाण दिवाकर भट्ट मंत्री प्रसाद नैथानी किशोर उपाध्याय विजयंत निजवाला गब्बर सिंह बंगारी ज्ञान सिंह रावत जयपाल पंवार कृष्णकांत कोटियाल एवं देवप्रयाग कीर्ति नगर टिहरी से सभी दलों के लोग और क्षेत्रीय जनता उपस्थिति थी कार्यक्रम की अध्यक्षता कृष्णकांत कोटियाल की।

74वां स्वतंत्रता दिवस

कोविड-19 महामारी अपने चरम पर है यह कम होने का नाम नहीं ले रही देश में गरीब का आर्थिक तंत्र इतना कमजोर हो गया है कि भूख मिटाने के लिए सभी अपने अपने स्तर से काम धंधे के विकल्प की व्यवस्था कर रहे पर समुचित सरकार चाहे तो उन्हें ७४ वां स्वतंत्रता दिवस लोकल को वोकल उपहार दे सकती है कुछ इस तरह कि जो जिस विकल्प से अपनी आर्थिकी को नए आयाम दे रहा बैक उसके घर पर जाकर उसके काम धंधे में मदद कर सकती हैं उसे पता नहीं चलेगा कोविड १९ अपने चरम पर है। मेरा देश मेरी दुनिया।