शनिवार, 28 अक्तूबर 2023

आर्थिक तंगी से बेहाल एक पत्रकार

 देहरादून के एक पत्रकार का आर्थिक तंगी के कारण अपना इलाज ना कर पाने का मामला सामने आया है देहरादून के इन पत्रकार की दोनों किडनी फेल हो चुकी हैं और वह अन्य बीमारियां से भी ग्रसित हैं ।  ऐसे में आर्थिक तंगी का होना उनकी बीमारी के इलाज में बाधा डाल रहा है और सही तरीके से उनका इलाज नहीं हो पा रहा है।उत्तराखण्ड के मीडियाकर्मियों की प्रमुख राज्यस्तरीय पंजीकृत संस्था नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखण्ड) के एक प्रतिनिधि मंडल ने किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे वीडियो जर्नलिस्ट्स रामपाल सिंह के घर जाकर उनके उपचार हेतु आर्थिक सहायता संबंधी प्रपत्र तैयार करवाने के बाद मुख्यमंत्री और और सूचना विभाग को प्रेषित किये हैं।पत्रकार कल्याण कोष के पूर्व सदस्य एवं यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चन्द्र भट्ट को जैसे ही वीडियो जर्नलिस्ट्स रामपाल सिंह की दोनों किडनी खराब होने की जानकारी मिली उन्होंने रात में ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी को ईमेल द्वारा मामले की सूचना देकर बीमार पत्रकार को उपचार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया महानिदेशक सूचना ने भी मामले का तत्काल संज्ञान लिया। जिसके बाद अपर निदेशक आशिष त्रिपाठी द्वारा श्री भट्ट को बीमार पत्रकार के आवेदन संबंधी औरचारिकताएं पूरी कराने और मदद का आश्वासन दिया गया है।श्री भट्ट ने अपने संपर्कों से रायपुर में निवास कर रहे बीमार पत्रकार का फोन नम्बर लेकर रात में ही उनसे वार्ता की। उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एकत्र करने के बाद सुबह होते ही वे पत्रकार नवीन पांडे और हिमांशु के साथ हरिद्वार से रायपुर पहुंचे तो यह भी जानकारी मिली कि रामपाल सिंह को हाइपरटेंशन, ब्रेन में रक्तस्राव, आईबीडी, आतों में घाव और कई अन्य विकार भी हैं। जिस कारण उनका स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा है।त्रिलोक चन्द्र भट्ट एवं नवीन चन्द्र पाण्डेय ने पत्रकार कल्याण कोष ने उनके उपचार हेतु आर्थिक सहायता संबधी पत्रावली तैयार कर बीमार पत्रकार को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।उन्होंने कहा नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखण्ड) संकट की इस घड़ी में उनकी साथ खड़ी है।श्री भट्ट ने बताया कि पत्रकार रामपाल सिंह दो बार कोरोना का शिकार हुये थे जिसके बाद अनेक व्याधियों ने उन्हें जकड़ लिया। उनकी दोनों किडनी फेल होने के साथ कई शारीरिक विकार उत्पन्न हो गये हैं। जिस कारण हफ्ते में तीन बार डाइलेसिस करना पड़ रहा है। लेकिन कमजोर आर्थिकी के कारण उनके सामने अच्छे इलाज की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है।श्री भट्ट ने कहा कि पौड़ी जिले के यमकेश्वर विकासखंड अंतर्गत नौगांव के मूल निवासी रामपाल करीब दस वर्षों से विभिन्न प्रिंट/इलेक्ट्रानिक मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएं देते रहे हैं।उन्होंने नेटवर्क-10, तहलका इंडिया न्यूज, हिमालय न्यूज और पर्वतजन में भी अपनी सेवाएं दी हैं। लेकिन इलाज और दवाइयों के महंगे खर्च के कारण उनको अपना घर तक बेचना पड़ा। घर से बेघर होने के बाद वे किराये के मकान में रहने को मजबूर हुये लेकिन एक समय ऐसा भी आ गया कि उनके पास किराये के भी पैसे नहीं रहे।रामपाल सिंह के तीन बच्चे हैं। बड़ी बेटी आयुषि मूक-बधिर है। वह इंटरमीडियेट कर चुकी है, जबकि पिता की बिमारी के कारण दूसरी बेटी तनिष्का का ग्याहरवीं के बाद स्कूल छूट गया है। बेटा पंकज जैसे-तैसे बारवीं कक्षा में पढ़ रहा है। जबकि पति के बेरोजगार हो जाने के कारण घर चलाने के लिए पत्नी को एक प्राइवेट संस्थान में काम करना पड़ रहा है।नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चन्द्र भट्ट के अनुसार फोटो जर्नलिस्ट्स रामपाल सिंह का जीवन बचाने के लिए उनकी पत्नी ने अपनी एक किडनी डोनेट करने की सहमति दी है। लेकिन उसमें आने वाले महंगे खर्च के कारण अभी तक यह संभव नहीं हो पाया है।नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने कहा है कि जो लोग रामपाल सिंह की आर्थिक मदद करना चाहते हैं वह सीधे उनके निम्न बैंक खाते में भेज सकते हैं।


Account No-39023827265


IFSC Code-SBIN0003058


State Bank of India


Google Pay No.- 8433428099

मंगलवार, 24 अक्तूबर 2023

पंक्ति में रसोई परोसना

 सनातन संस्कृति का नियम पंक्ति में रसोई परोसना सरोला का काम है और यह संस्कृति युगों से चली आ रही। गाँव की शादी में सरोला चंद्र किशोर सेमल्टी ने इस सम्पादक को पंक्ति में रसोई परोसी सनातन संस्कृति की जीवितता तस्वीर तथ्य प्रस्तुत। 


सोमवार, 23 अक्तूबर 2023

आज भी 5 किलोमीटर पैदल पथ घंडय्याल देबता मंदिर

 गजा बाजार से गोतांचली नामक स्थान तक घंडय्याल देबता के मंदिर को जाने के लिए छोटी गाड़ी के लिए सड़क उतरप्रदेश  सरकार से थी उतराखंड बनने पर सड़क आगे नहीं बन पाई  पर आज भी गोतांचली नामक तपड़ से श्री  घंडय्याल  देबता के मंदिर तक जाने के लिए आदिम युग की तरह 5 किलोमीटर खड़ी पड़ी आड़ी तिरछी चढ़ाई चढ़ कर मंदिर  तक पहुंचना उतराखंड राज्य बनने का सपना तो दिखा जबकि उतराखंड देवभूमि है। यदि सड़क 1 _2 किलोमीटर   जिला पंचायत टिहरी, जिला  प्रशासन टिहरी,नगर पंचायत गजा अपने संसाधन  पब्लिक फंड या आपदा राहत फंड से आज से 23 साल पहले से 200 मीटर प्रति वर्ष भी  बनानी शुरू करती तो 5600 मीटर सड़क घंडय्याल देबता के थान स्थान याने मुख्य मंदिर तक बन कर पंहुच चुकी होती  जिससे आस्था पैदलयात्रा करके  भी  श्री घंडय्याल देबता के दर्शन सहज सुलभ कर पाती।पैदल यात्रा करते हुए सुस्ताने के लिए जिला पंचायत के द्वारा आस्था के लिए कुछ जगहों पर बैंच तो लगा रखे परंतु पानी की व्यवस्था नहीं यदि साफ सुथरा रास्ता होता दोनों तरफ रेलींग लगी होती तो आस्था व्यवस्था के प्रति कृतघ्न होती। समुचित व्यवस्था और समुचित सरकार से अपेक्षा है श्री घंडय्याल देबता के थान स्थान तक जाने के आस्था को सहज सुलभ सुगम सड़क बनाये। 



सोमवार, 9 अक्तूबर 2023

जीवन कथा का नया भवन

 जामणी खाल बाजार से 500 मीटर दूरी पर जीवन कथा के नये भवन पर छत पड़ने का कार्य गतिमान। 



सोमवार, 2 अक्तूबर 2023

जल जीवन मिशन की पाईप लाईन

 ग्रामीण बाजार जामणीखाल में जल जीवन मिशन की पाईप लाईन और 9 मीटर चौड़ी सड़क तथा शौचालय की स्थिति। 




मंगलवार, 26 सितंबर 2023

सड़क पर पानी निकासी की व्यवस्था हो

 ग्रामीण बाजार जामणीखाल में कुछ दिन पहले लोकनिर्माण विभाग ने दुकानदारों को नोटिस दिया कि सड़क 9 मीटर चौड़ी होनी चाहिए पर नाप छाप की पर अतिक्रमण हटा जिससे सड़क पर पानी की निकासी व्यवस्था ने उन दुकानों पर अतिक्रमण कर दिया जो दुकान सड़क की पटरी से नीचे है और अब जल निगम की जल जीवन मिशन तथा जीओ नेटवर्क की लाईन पड़ने से सड़क पर पानी निकासी व्यवस्था ध्वस्त हो  चुकी जिसके लिए इस सम्पादक के द्वारा व्यापक जनहित जिससे व्यापक लोकहित सधे के तहत लोकनिर्माण विभाग के अवर अभियंता से संवाद किया । तस्वीर तथ्य प्रस्तुत। 




25 वां राज्य स्थापना दिवस

 9नवम्बर 2000 को उतराखण्ड राज्य की स्थापना उतरांचल नाम से हुई कुछ समय बाद उतराखण्ड नाम दिया गया आज 25 वां राज्य स्थापना दिवस आरम्भ।