दुनिया का माहौल

जब से कोविड-19 आया तब से दुनिया का माहौल परिवर्तन हो गया। दुनिया में सांस लेने के लिए जिस तरह की हवा की जरूरत थी वह हवा धीरे-धीरे ही सही वायुमंडल में वापस प्रवेश कर रही है और जिस दिन इस का भंडार वायुमंडल में असीमित हो जाएगा उस दिन दुनिया का माहौल पूर्ण परिवर्तन हो जाएगा लेकिन इस दुनिया का मनुष्य अपनी संस्कृति से अलग हटकर एक ऐसी संस्कृति का कारक बन रहा है जैसे शुक्राचार्य और बृहस्पति के अहं से बनी दुनिया परिणाम देख रही है।

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