जीवन की जंग लड़ता जग जन
कोरोनावायरस जिसका न शिर न पूंछ जिसे पांच माह पूरे होने जा रहे है लेकिन उसकी अभी तक दवा नहीं और उड़ान सबकी जीवन की खोज ब्रह्मांड में दुनिया मनुष्य की मुट्ठी में ।द एक शब्द है जो अपना अस्तित्व बनाए हुए है लेकिन कोई समझे जीवन का तत्व भी इसी में समाहित है। हर दर्द है इस धरती में और उसकी दवा भी है जो सहज भी है सुलभ भी है संरक्षित भी है लेकिन उसे तथ्य परक शोध करके संग्रहित करें इस पर किसी का ध्यान नहीं ध्यान यह गतिमान होता रहा कि दुनिया कैसे मुठ्ठी में ली जाय मनुष्यों के उपर शासन तभी संभव होगा जब जग में जीवन जरूरी रहेगा इसके लिए एक ही उपाय है दुनिया के सभी लोग जीवन बचाने के लिए जुट जाएं अपने स्तर से कोरोनावायरस जैसी कोई अन्य महामारी प्रवेश नहीं कर सकेगी। सम्पादक-नदी घाटी और पहाड़ हिंदी समाचार पत्र उत्तराखंड भारत।
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