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अमृत सरोवर बनाए जाने के लिए पर्याप्त पानी

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 गाँव जरोला के रौथा नामी तोक भोगवती नदी के किनारे पर प्राकृतिक जल स्तोत्र धारे पर पानी का संग्रह करके अमृत सरोवर बनाया जाय तो जल संरक्षण जल  संग्रहण से सभी गाँव वासी लाभ ले सकते है इसके लिए इस सम्पादक ने खण्ड विकास अधिकारी देवप्रयाग के संज्ञान में उक्त योजना रखी। 

जल जीवन मिशन का सच

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 जल जीवन मिशन की सच्चाई देखनी है तो गाँव में आये  यदि हर घर नल लगे होते नल पर जल होता तो लोग धारे पर इस तरह भीड़ नहीं लगाते तस्वीर तथ्य। 

बीडीसी बैठक देवप्रयाग

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 21 जून 23 को बीडीसी की बैठक हुई में प्रधान संघ के अध्यक्ष  ने सदन के माध्यम से कहा कि पिछली बैठक में जनता के जो सवाल जन प्रतिनिधियो के द्वारा उठाये गए पर जो कारर्वाई की गई वह इस सदन को बताये पर जब सकारात्मक जबाब नही मिला तब जिले से आये एक अधिकारी ने सूचना का तथ्य   जनता और जनप्रतिनिधियों को समयावधि के भीतर देने के लिए आदेश दिया।   

घास के लिए लगती बंजर खेतों में आग

 गाँव में निवास करने वाले लोग कम है जिससे खेती बंजर , बंजर खेतों में लोग आग लगा देते कि अनाज नहीं तो घास ही सही, बंजर खेत से आग पास के जंगल में उड़नछू हो जाती जिससे जंगल के जीव जन्तु पशु पक्षी आग की भेंट चढ जाते जबकि उनका इस समय प्रजनन काल भी रहता से जीव जन्तु पशु पक्षी का आने वाला बचपन भी भस्म हो जाता जिसका सीधा प्रभाव जलवायु परिवर्तन पर एक गम्भीर सवाल समुची  दुनिया के लिए। 

नदी घाटी और पहाड़ प्रिंट मीडिया

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निराश्रित पशु धन का आश्रयस्थल जामणीखाल

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 माँ चंद्र बदनी के चरणों में ग्रामीण बाजार जामणीखाल है इस बाजार में निराश्रित पशु धन का आश्रय स्थल है जिनके लिए पानी की  कोई वयस्था नहीं भोजन के लिए इधर उधर से चर कर आ जाते अपनी  पेट की भूख मिटा लेते लेकिन धूप बरसात आंधी के समय जाये कंहा समुचित सरकार गौधन के लिए  व्यवस्था करें तो मूक पशुओं के प्रति मनुष्यता दिखेगी। 

काफल पाको जेठ

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 उतराखंड के खासपटटी चंद्र कूट पहाड़ के जंगलों में जेठ माह में काफल पकने लग गया परंतु जेठ माह भंयकर अंधड़ बेसमय बारीष ओले के प्रकोप से अतिक्रमण होता जा रहा काफल उस तरह पेड़ पर लकदक नहीं दिख रहा जिस तरह  दिखना चाहिए था जलवायु परिवर्तन के प्रति गम्भीर सवाल  ।