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जनरल रावत एवं अन्य शहीदों को नमन

 भारत के तीनों सेनाओं के प्रथम सेनापति जनरल बिपिन रावत  उनकी पत्नी मधुलिका रावत व ११ अन्य  सैन्य कर्मियों की ८ दिसम्बर २०२१ को हैलिकॉप्टर हादसे में देश की सेवा करते हुए मृत्यु देश के लिए अपूर्णीय क्षति हुई। इस सम्पादक की उपस्थिति में जिला सूचना कार्यालय नई टिहरी में सूचना विभाग के कार्मिकों सहित ९ दिसम्बर २०२१ को ११ बजकर  ३० मिनट पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई जनरल रावत  एवं अन्य शहीदों को नमन।

उत्तराखंड में देव स्थानम बोर्ड भंग

  उत्तराखंड सरकार ने अपने ही बनाए देव स्थानम बोर्ड को भंग कर दिया यह घोषणा मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने की  अब उत्तराखंड में चार धाम विकास परिषद  जिस तरह काम करता था उस तरह अस्तित्व में आ जायेगा पर अन्य मंदिरों में पूर्व की तरह व्यवस्था दिखेगी । विधानसभा सत्र में यह प्रस्ताव पारित होने पर ५१ मदिर अपनी समितियों के माध्यम से संचालित होगे। 

इगास का त्योहार

 इगास का त्योहार दीपावली का ही त्योहार है  लेकिन यह त्योहार उत्तराखंड में बीर भड़ माधो सिंह भंडारी की तिब्बत को जीतने की खुशी सकुशल घर वापसी की दोहरी खुशी बग्वाल मनाने की परंपरा आज से नहीं महिपत शाह के राज्यकाल से एक परम्परा आज भी गतिमान है नवम्बर  २०२१ में उत्तराखंड की समुचित सरकार ने इस लोकपर्व पर छुट्टी  का शासनादेश जारी  किया लोकपर्व  की महत्ता  इगास  अपने आप में दिव्य है।

छठ पूजा

 छठ पूजा उत्तराखंड में भी गतिमान हो चुकी भारतीय संस्कृति अनेकता में एकता अस्त होते सूर्य को प्रणाम अपने आप में एक बड़ा सम्मान है हालांकि यह पहल बिहार से हुई  उगते सूरज का जिस तरह सम्मान होता उसी तरह अस्त होते सूरज का भी सम्मान है ।

जय बाबा केदार

 जय बाबा केदार की उद्घोष के साथ  केदारनाथ के कपाट ६ माह के लिए बंद हुए अब देवता पूजा करेंगे  देवों के देव महादेव की उसके बाद मनुष्य। केदारनाथ देवों के देव महादेव का निवास है मनुष्यों के लिए दर्शनार्थ और कैलाश पर्वत अनंत निवास है ज़हां  दिव्यता के दर्शन होते यह उसके लिए जिसे दिव्य शक्ति हासिल हो। 

दिपावली दीपों का त्योहार

 दिपावली दीपों का त्योहार  है  । आज़ के व्यवसायिक युग में त्योहार हर दिन मन रहे हर दिन दीप प्रज्वलित हो रहे कल्कि काल में। दीपावली दीपों का त्योहार है।

शरद पूर्णिमा

 शरद पूर्णिमा के दिन शिव और पार्वती के पुत्र कार्तिकेय का जन्म हुआ और शरद पूर्णिमा के दिन ही राधा व श्री कृष्ण ने रास लीला की  चांद १६ कलाओ से इस दिन  अपनी आभा से चमकता है।