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छठ पूजा

 छठ पूजा उत्तराखंड में भी गतिमान हो चुकी भारतीय संस्कृति अनेकता में एकता अस्त होते सूर्य को प्रणाम अपने आप में एक बड़ा सम्मान है हालांकि यह पहल बिहार से हुई  उगते सूरज का जिस तरह सम्मान होता उसी तरह अस्त होते सूरज का भी सम्मान है ।

जय बाबा केदार

 जय बाबा केदार की उद्घोष के साथ  केदारनाथ के कपाट ६ माह के लिए बंद हुए अब देवता पूजा करेंगे  देवों के देव महादेव की उसके बाद मनुष्य। केदारनाथ देवों के देव महादेव का निवास है मनुष्यों के लिए दर्शनार्थ और कैलाश पर्वत अनंत निवास है ज़हां  दिव्यता के दर्शन होते यह उसके लिए जिसे दिव्य शक्ति हासिल हो। 

दिपावली दीपों का त्योहार

 दिपावली दीपों का त्योहार  है  । आज़ के व्यवसायिक युग में त्योहार हर दिन मन रहे हर दिन दीप प्रज्वलित हो रहे कल्कि काल में। दीपावली दीपों का त्योहार है।

शरद पूर्णिमा

 शरद पूर्णिमा के दिन शिव और पार्वती के पुत्र कार्तिकेय का जन्म हुआ और शरद पूर्णिमा के दिन ही राधा व श्री कृष्ण ने रास लीला की  चांद १६ कलाओ से इस दिन  अपनी आभा से चमकता है।

सरकारी स्कूल

 सरकारी स्कूल  प्राइवेट स्कूलों को पछाड़ सकते है तब जब भारत में जितने भी समुचित सरकार के मंत्री, नेता, समुचित व्यवस्था के अधिकारी, कार्मिक अपने अपने इलाके के सरकारी स्कूल में अपने बच्चों का दाखिला अनिवार्य कराये। सरकारी स्कूल के साथ सभी प्रकार की व्यवस्था सुनिश्चित  दिखेंगी सभी समानता का  अहसास करेंगे सभी साथ साथ रहेंगे पर सफाई से लेकर सभी विभागों के कार्मिक और अधिकारी स्कूल का दौरा करेंगे कारण उस स्कूल में उनके बच्चे पढ़ते हैं। भारत की संसद और राज्यों की विधानसभा  कानून बना कर करके तो देखे सरकारी स्कूल सजेंगे संवरेंगे  सुशिक्षित, सुव्यवस्थित, स्वस्थ देशभक्त नागरिक देंगें।

इन्द्र जौ पेड़

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 इन्द्र जौ नाम का पेड़  शोध और संरक्षण तथा नर्सरी लगाकर आजिविका का विषय है उत्तराखंड में । ऐसा कहा जाता है कि इस पेड़ के तने का छिलका का काढ़ा पेट दर्द की अचूक दवा है   

उत्तराखंड देवभूमि

उत्तराखंड देवभूमि बनी रहे इसके लिए आप हम सबको देवभूमि की परम्परा, संस्कृति  का परिपालन उसी तरह करना होगा जिस तरह नियम और संयम थे।