सोमवार, 22 मई 2023

उजाड़ होती सृजित संपत्ति

  1986-87 में एक शिशु मंदिर की स्थापना जामणीखाल में हुई समुचित सरकार और समुचित व्यवस्था तथा समिति और जनता के चन्दे से संपत्ति सृजित तो हुई  परन्तु  आज इस भवन पर न शिक्षक और न शिक्षा ग्रहण करने वाले, उजाड़ हो चुके इस



भवन पर लोगों के द्वारा छोड़े गए निराश्रित पशु थोड़ी देर के लिए ही सही  विश्राम |

मंगलवार, 16 मई 2023

कलेउ लेता किसान

 पहाड़ की संस्कृति अभी भी जिवित है भले ही इस संस्कृति को जिवितता बनाये रखने वाले कुछ गिनती के लोग  क्यों न हो


लेकिन है खेत में हल लगाने के बाद कलेउ लेता किसान

मंगलवार, 28 मार्च 2023

कांतेश्वर जलधारा

 ग्राम नागचौंड के नागेश्वर महादेव से  लगभग 300 मीटर उपर कांतेश्वर जलधारा है और  मंदिर के पास 50 मीटर दूरी पर मांतेश्वर जलधारा है  सतयुग में इस जलधारा के उपर हिमालय था जो अब बदरीनारायण से भी आगे दिखाई देता इस जलधारा का जल नागेश्वर महादेव को  9 कुण्डो से प्रवाहित होता था  पर आज भी इस जलधारा का जल स्वत ही गंगा जलधारा है इसी जलधारा से भोगवती नदी निकलती है जो  गाँव जरोला होकर पलेठी वनगढ होकर भागीरथी नदी में मिलती आज बरसाती गधेरा  दिखती कांतेश्वर मांतेश्वर महादेव चंपावत में है और  कांतेश्वर मांतेश्वर जलधारा खासपटटी के नागचौंड गाँव के नागेश्वर महादेव के आसपास |


उत्तराखंड टोपी

 


वार गुरु बैसपाणी जामणीखाल सैनिक विश्राम गृह सड़क

 आज इस सड़क पर लोग चर्चा कर रहे थे कि सड़क आगे बढेगी।